योजना के पूर्व काल के दौरान 1. 83 लाख हेक्टेयर सिंचाई योग्य भूमि का विकास किया गया था।
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योजना के पूर्व काल के दौरान 1. 83 लाख हेक्टेयर सिंचाई योग्य भूमि का विकास किया गया था।
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यह राज्य की सिंचाई योग्य भूमि का 79. 97 प्रतिशत और कृषि योग्य भूमि का लगभग 33.34 प्रतिशत है।
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जिन देशों में हमेशा खाद्यान्न संकट रहता है वहां कुल उपलब्ध सिंचाई योग्य भूमि के महज दस से पैंतीस फीसद हिस्से में खेती की जाती है।
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उत्पादन ऋण लिमिट को निर्धारण करने के मानदंड किसान के कृषि क्षेत्र पर आधारित है जो कि सिंचाई योग्य भूमि और गैर-सिंचाई भूमि के लिए निम्न दिए गए खंडों के अनुसार अलग-अलग हैः